जेबीकेएसएस का 2023 आंदोलन का साल रहा 2024 सरकार बनाने का साल होगा - देवेन्द्र नाथ महतो
रांची।। झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति सिल्ली विधान सभा के बैनर तले 2023 में किया गया कार्य का समीक्षा, 2024 का रणनीति, बूथ स्तरीय संगठन मजबूत कर स्थानीय जवलंत समस्या का समाधान पर रणनीति को लेकर महातीर्थ त्रिसंगम सतिघा मैदान में मंथन मिलन समारोह का आयोजन किया गया।
मौके पर जेबीकेएसएस के क्रांतिकारी देवेंद्र नाथ महतो ने बताया कि मंथन मिलन से सैकड़ों लोगों का विचार विमर्श कर सर्वसम्मति से निष्कर्ष निकाला गया कि जेबीकेएसएस के लिए 2023 आन्दोलन का साल रहा, विधायक सांसद से लिखित समर्थन लेकर भारत के आन्दोलन में एक नया अध्याय जोड़ा, हाट बाजार में सकुवा पत्ता घुमाकर सिद्धू कान्हु का अंग्रेज के खिलाफ आंदोलन को दोहराया, लगातार दो दिन बंदी करके झारखंड आन्दोलन के इतिहास को दोहराया, विधान सभा घेराव हो या मुख्यमंत्री घेराव सबको एतिहासिक बनाया।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सर्वसम्मति 2024 में चुनावी विजई साल को सफल बनाने के लिए निम्न रणनीती बनाया गया।
1. सिल्ली विधान सभा के प्रत्येक पंचायत के सभी घर के माताओं से अपने साड़ी का आंचल का टुकड़ा में एक मुट्ठी चावल और एक दो रूपया का सिक्का लेकर जनजागरण कार्यक्रम करके कमिटी का विस्तार किया जायेगा।
2. सिल्ली विधान के सभी 48 पंचायत के कमिटी विस्तार कर लगभग सभी एक लाख चौवन हजार वोटरों में प्रत्येक 11 वोटर पर एक प्रभारी नियुक्त किया जायेगा ।
3. रांची जिला सभी कॉलेज यूनिवर्सिटी में टुसू पर्व, करम पर्व , सरहुल इत्यादि स्थानीय lo पर्व मनाने के लिए आवेदन दिया जायेगा ।
4. महातीर्थ त्रिसंगम एतिहासिक सतीघाट मेला स्थल को पर्यटक स्थल बनाया जायेगा।
5. हाथी का आतंक से क्षेत्र को मुक्त करने के लिए रांची तक आंदोलन किया जायेगा।
6. अवैध बालू खनन और धुलाई को रोकने के लिए बड़ा आंदोलन किया जायेगा।
7. आने वाला वर्ष 2024 के एक साल का किया गया कार्य का समीक्षा तथा 2025 के रणनीति को लेकर अगामी 31 दिसंबर 2024 को पुनः मंथन मिलन समारोह का अयोजन किया जायेगा।
8. सिल्ली विधान सभा के सभी पांचों कार्यालय को सुचारू ढंग से चलाया जायेगा।
9. सिल्ली, सोनाहातु, राहे प्रखण्ड मुख्यालय में प्रत्येक 15 दिनों में समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया जायेगा।
10. सिल्ली विधान सभा अन्तर्गत किया गया कार्य का समीक्षा प्रत्येक महीना किया जायेगा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप अजीत कुमार, हरेंद्र, लक्की रामू राज, गणेश, राजेन्द्र, मनोज, राजेश, मुकेश, राकेश, खुदीराम, अजय संजीव के आलावा अन्य सैकड़ों लोग मौजूद रहे ।
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