देबुका अस्पताल में डॉ. सुरेश प्रसाद देबुका व डॉ. एकांश देबुका की निगरानी में दोनों पैरों को बराबर करने का हुआ सफल इलाज
रिपोर्ट- विनय कुमार
रांची। देबुका अस्पताल में एक 19 वर्षीय युवक के टूट चुके हड्डी का सफल ऑपरेशन कर इलाज किया गया। मरीज का दोनों पैरों को बराबर करने का उपचार डॉ. सुरेश प्रसाद देबुका व डॉ. एकांश देबुका की निगरानी में किया गया। डॉ. एकांश देबुका ने शनिवार को अपने अस्पताल में पत्रकारों को बताया कि संदीप मुंडा, उम्र 19 वर्ष एक गरीब युवा पुरुष, तामार का रहने वाला है। जिसकी बायीं जांघ की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया था। जिसके बाद दुर्भाग्य से गांव में 5 महीने से अधिक समय तक उचित इलाज व प्रबंधन के आभाव में उसके पैर की हड्डी सही से नहीं जुड़ पायी। जिसके कारण वह सही से नहीं चल पा रहा था। परिणामस्वरूप, वह विकलांग हो गया व चलने में असमर्थ हो गया। क्योंकि प्रभावित बायां पैर 5 इंच से अधिक छोटा हो गया था। जब वह डॉ. एकांश देबुका से मिला तो रोगी को जोखिमों व शुल्कों के बारे में बताया गया था, लेकिन खराब आर्थिक पृष्ठभूमि के कारण वह बुनियादी शुल्क भी वहन करने में असमर्थ था। परिणामस्वरूप उसकी स्थिति को देखते हुए डॉ. एकांश ने उसकी आर्थिक मदद करते हुए निःशुलक सर्जरी किया। सर्जरी देबुका हॉस्पिटल में 27/12/2023 को हुआ। जो लगभग 4 घंटे चली। डॉ. एकांश ने बताया कि इस सर्जरी में काफी चीजों का ख्याल रखा गया व काफी बारीकियों से सर्जरी किया गया। सर्जरी के बाद वह अब एक पैर को सामान्य लंबाई में लाने व फिर से चलने में सक्षम हो गया है।
दोनों पैरों को बराबर करने का हुआ सफल इलाज |
डॉ. एकांश देबुका ने कहा कि ऐसे अन्य जरूरतमंद लोगों तक यह संदेश फैलाने में हमारी मदद करें ताकि वे भी हमारे अस्पताल में देखभाल व उपचार से लाभान्वित हो सकें।
सर्जरी के बाद देबुका हॉस्पिटल के फ़िज़ियोथेरेपिस्ट डॉ. दिनेश ठाकुर व डॉ. ज्योति ने संदीप का फिजियोथेरेपी कराया। जिसके कारण मरीज फिर से चलने फिरने लगा। इसके मांसपेसियों में ताकत व जोड़ों का रेंज ऑफ मोशन में सुधार हुआ है। अब मरीज वाकर के साथ चलने फिरने में सक्षम है।
डॉ. सुरेश प्रसाद देबुका ने कहा कि हमें गर्व है कि देबुका हॉस्पिटल परिवार में अपने अत्याधुनिक संसाधनों के साथ मरीजों को सर्वोत्तम व सही इलाज एक उचित दर पर हमेशा से दे रही है और आगे भी तत्पर रहेगी।
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