इतिहास के बुनियाद पर ही वर्तमान को बेहतर और उज्ज्वल भविष्य की रचना की जा सकती है। आज पूरा देश संत शिरोमणि रविदास और छत्रपति शिवाजी की जयंती मना रही है। हमारा समाज कृतज्ञता का समाज है औरबिसलिये आज हम अपने इतिहास के लोगों को याद करते है। उपरोक्त बातें राजस्व, निबंधन, भूमि सुधार, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के मंत्री अमर कयमार बाउरी ने कही। वे मंगलवार को शिवजी महाराज और संत रविदास जयंती के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय में आयोजित जयंती समारोह में उपस्थित हुए।
मौके पर उन्होंने शिवजी महाराज के विषय मे कहा कि शिवजी का जयकारा किसी भी व्यक्ति के रक्त संचार को तेज करने वाला है। शिवजी महाराज ने जाति धर्म से ऊपर उठ कर समाज की कल्पना की थी। वे गुलामी के लंबे कालखंड में लोगों के आत्मबल और आत्म सम्मान को बनाये रखा। उन्होबे समाज को बांधने का काम किया था।
संत शिरोमणि रविदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अमर कुमार बाउरी ने कहा कि समाज मे राह कर कैसे समाज की बुराइयों को दूर किया जाए यह गन संत रविदास के अंदर था। उनको शिरोमणि का ताज उनके ज्ञान के कारण दिया गया था। उन्होने कहा कि भारत का समाज ज्ञान आधारित समाज है। औरब्याहन के लोग किसी भी महापुरुष के बताए गए अच्छी बातों को शीघ्रता से ग्रहण करती है।
मौके पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि समाज को आगे ले जाने के लिए हमे अपने देश के महापुरुषों के बताए रिश्ते पर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संत रविदास की सोच अपने वक़्त से काफी आगे की थी। तभी तो आज भी उनके दोहे जीवन से जुड़े मालूम पड़ते है।
कुलपति ने शिवजी महाराज के वीरता पर चर्चा करते हुए कहा कि समाज को एक सूट में पिरोने का काम शिवजी महाराज ने किया था। उन्होने काम संसाधन में किसान और अन्य समाज के लोगों को आजादी की लड़ाई से जोड़ा था।
मौके पर केरल, भोपाल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, आदि के प्रोफेसर ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय, यूजीसी के सदस्य अशोक चौधरी, आईसीएचआर के सदस्य डॉ राजीव रंजन एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
मौके पर उन्होंने शिवजी महाराज के विषय मे कहा कि शिवजी का जयकारा किसी भी व्यक्ति के रक्त संचार को तेज करने वाला है। शिवजी महाराज ने जाति धर्म से ऊपर उठ कर समाज की कल्पना की थी। वे गुलामी के लंबे कालखंड में लोगों के आत्मबल और आत्म सम्मान को बनाये रखा। उन्होबे समाज को बांधने का काम किया था।
संत शिरोमणि रविदास के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अमर कुमार बाउरी ने कहा कि समाज मे राह कर कैसे समाज की बुराइयों को दूर किया जाए यह गन संत रविदास के अंदर था। उनको शिरोमणि का ताज उनके ज्ञान के कारण दिया गया था। उन्होने कहा कि भारत का समाज ज्ञान आधारित समाज है। औरब्याहन के लोग किसी भी महापुरुष के बताए गए अच्छी बातों को शीघ्रता से ग्रहण करती है।
मौके पर रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय ने कहा कि समाज को आगे ले जाने के लिए हमे अपने देश के महापुरुषों के बताए रिश्ते पर चलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संत रविदास की सोच अपने वक़्त से काफी आगे की थी। तभी तो आज भी उनके दोहे जीवन से जुड़े मालूम पड़ते है।
कुलपति ने शिवजी महाराज के वीरता पर चर्चा करते हुए कहा कि समाज को एक सूट में पिरोने का काम शिवजी महाराज ने किया था। उन्होने काम संसाधन में किसान और अन्य समाज के लोगों को आजादी की लड़ाई से जोड़ा था।
मौके पर केरल, भोपाल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर, आदि के प्रोफेसर ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रमेश कुमार पांडेय, यूजीसी के सदस्य अशोक चौधरी, आईसीएचआर के सदस्य डॉ राजीव रंजन एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
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