नई दिल्ली- कहीं ट्राइबल ज्यूलरी की बहार तो कहीं तेरा कोटा ज्यूलरी का खुमार। कही बम्बू क्राफ्ट का नज़ारा तो कहीं जूट क्राफ्ट्स की धमक। झारखण्ड पवेलियन में आने वाले दर्शकों को झारखण्ड का हस्तशिल्प कुछ इसी तरह अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।
प्रगति मैदान में जारी 38 वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में झारखण्ड पवेलियन अपनी विभिन्न विशेषताओं के चलते दर्शकों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल करता जा रहा है। एक तरफ जहाँ बिरसा मुंडा की प्रतिमा, दर्शकों के बीच सेल्फी पॉइंट के तौर पर फेमस हो गए हैं, झारखण्ड का हस्तशिल्प भी दर्शकों में काफी मशहूर हो गया है।
झारखण्ड पवेलियन में ट्राइबल ज्यूलरी का एक स्टॉल लगा है। यहाँ ट्राइबल पायल, मंदली, हंसुली, ढेला, पछुआ, चन्द्रहार, झुमकी, अंगूठी और झाला जैसे आभूषण 50 रूपए से 500 रूपए तक बेचे जा रहे हैं। वहीँ टेरा कोटा ज्यूलरी के स्टॉल पर 50 रुपये से एक हज़ार रूपए तक के नेकलेस मिल रहे हैं। साथ ही जूट से बने भगवान, नेकलेस और डेकोरेटिव आइटम्स भी अच्छे दामों पर मिल रहे हैं।
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