नयी दिल्ली - भारतीय
सुपरस्टार एम सी मैरीकॉम (48 किग्रा) ने अपने अनुभव के
बूते शनिवार को यहां केडी जाधव हाल में दसवीं महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप
के फाइनल में यूक्रेन की युवा हाना ओखोटा को 5-0 से पस्त
कर छठा स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाला, जबकि
सोनिया (57 किग्रा) को हारकर रजत पदक
से संतोष करना पड़ा.
मैरीकॉम ने इस तरह क्यूबा के महान पुरुष मुक्केबाज फेलिक्स
सेवोन की बराबरी कर ली जो विश्व चैम्पियनशिप में छह खिताब जीत चुके हैं. इससे पहले
वह आयरलैंड की केटी टेलर के साथ बराबरी पर थी जो पांच बार विश्व चैम्पियन रह चुकी
हैं. ‘मैग्नीफिशंट मेरी' मुकाबले के पहले राउंड में
मैरीकॉम ने दायें हाथ से सीधा तेज पंच लगाकर शुरुआत की.
इसके
बाद उन्होंने विपक्षी खिलाड़ी को जरा भी मौका नहीं दिया और बीच बीच में तेजी से
मुक्के जड़ते हुए पांचों जज से पूरे अंक हासिल किये. इस दौरान दोनों एक
दूसरे के ऊपर गिर भी गयी थी. दूसरे राउंड में कोच की सलाह के बाद हाना ने आक्रामक
होने की पूरी कोशिश की,
पर
पांच बार की विश्व चैम्पियन के सामने उनकी एक नहीं चली.
हालांकि इसमें यूक्रेन की मुक्केबाज ने दायें हाथ से लगाये
गये शानदार मुक्कों से कुछ बेहतरीन अंक जुटाये लेकिन वह मैरीकॉम से आगे नहीं निकल
सकीं. मैरीकॉम ने अपनी चिर परिचित शैली में खेलते हुए जानदार पंच से विपक्षी का
हौसला पस्त करना जारी रखा. जो तीसरे राउंड में भी जारी रहा.
इसमें भी भारतीय मुक्केबाज का जलवा कायम रहा, उन्होंने दबदबा जारी रखते
हुए तेजी से कई पंच विपक्षी मुक्केबाज के मुंह पर जमा दिये. ऐसा दिख रहा था कि
विपक्षी मुक्केबाज उनके सामने निरूत्तर थी. उसने कई बार जोरदार मुक्कों से वापसी
का प्रयास किया,
लेकिन
अनुभवी मैरीकॉम के पास उनकी हर चाल का जवाब था. मैरीकॉम ने खचाखच भरे
स्टेडियम में घरेलू दर्शकों के सामने दूसरा स्वर्ण पदक हासिल किया. यह उनका विश्व
चैम्पियनशिप में सातवां पदक है, इससे पहले वह पांच स्वर्ण और एक रजत जीत चुकी
थी. मुकाबला जीतने के बाद मैरीकॉम काफी भावुक हो गयीं और खुशी की वजह से उनके आंसू
थम नहीं रहे थे.
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