पलामू- नीलाम्बर-पीताम्बर
विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू पहुंची।
उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक पल पर मैं सभी छात्रों को शुभकामनाएं देती हूं। विशेष
रुप से उन्हें जो आज उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। साल 2009 में रांची
विश्वविद्यालय से विभाजन कर नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय का निर्माण हुआ था।
नीलाम्बर और पीताम्बर दोनों स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्हीं के नाम पर विश्वविद्यालय का नामकरण
हुआ।
प्राकृतिक खनिज सम्पदा से समृद्ध झारखंड
में विकास की असीम संभावनाएं
राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपनी
गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण, अकादमिक गतिविधियों, खेलकूद एवं अन्य क्रियाकलापों से अपनी
पहचान बनाने में प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खनिज सम्पदा से समृद्ध
झारखंड में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका
कुशलतापूर्वक समुचित उपयोग नहीं कर सकते। इस परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय की
अहम भूमिका है।
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कक्षा में अर्जित ज्ञान की सार्थकता, उसके सामाजिक
प्रतिफलन में है
राज्यपाल ने कहा कि ज्ञान और तकनीकी के
प्रतियोगितात्मक युग में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होना चाहिए। कक्षा में
अर्जित ज्ञान की सार्थकता, उसके सामाजिक प्रतिफलन में है। हमारे शिक्षण संस्थानों की यह
कोशिश होनी चाहिए कि विद्यार्थी एक सामाजिक, सु-संस्कृत और कुशल नागरिक के रूप में
विकसित हों। वे नैतिकवान एवं चरित्रवान हों। ऐसे नागरिक निश्चित रुप से देश और
समाज के लिए अमूल्य संपदा सिद्ध होंगे।
डिजिटल क्लास रुम, लैंग्वेज लैब की आधुनिक तकनीकीयुक्त शिक्षा की व्यवस्था का प्रयास
इस विश्वविद्यालय में कला, विज्ञान, मानविकी और
सामाजिक विज्ञान संकाय के विभिन्न विषयों के साथ-साथ व्यवसायिक पाठ्यक्रमों तथी
बीएड, बीसीए, आईटी, लॉ, इंजीनियरिंग, एमबीए, एमसीए, बीडीएस, एमडीएस, बीपीएड आदि की
शिक्षा प्रदान की जा रही है। यहां डिजिटल क्लास रुम, लैंग्वेज लैब की आधुनिक तकनीकीयुक्त शिक्षा
की व्यवस्था का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षा के विकास की दिशा में मेडिकल कॉलेज
की स्थापना इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत हो रही है।
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