रांची-झारखंड मंत्रालय में आयुष्मान भारत-जन आरोग्य योजना व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यान्वयन व प्रगति की समीक्षा मुख्यमंत्री द्वारा किया गया . इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा की समाज में असली हीरो चिकित्सक हैं। उन्हें भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। लोगों की इस भावना को ठेस न लगे, इसका ध्यान सभी को रखना है। अपने ज्ञान का उपयोग गरीब व जरूरतमंद की भलाई के लिए करना चाहिए। स्वस्थ भारत, स्वस्थ झारखंड, स्वस्थ जिला हम सभी की जिम्मेवारी है। आयुष्मान भारत केवल सरकारी अभियान नहीं है। यह करोड़ों गरीबों की सेवा का एक अवसर है।
झारखंड को पूरे देश में मॉडल राज्य के रूप में विकसित करना-मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। किसी भी बड़े काम की शुरुआत में परेशानी आती है। आलोचना भी होगी। उस आलोचना को सीख के रूप में लेते हुए लगातार सुधार करते हुए आयुष्मान भारत योजना में झारखंड को पूरे देश में मॉडल राज्य के रूप में विकसित करना है। इसकी शुरुआत यहां से होने के कारण हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच प्रतिस्पर्द्धा-मुख्यमंत्री
झारखंड को पूरे देश में मॉडल राज्य के रूप में विकसित करना-मुख्यमंत्री
सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच प्रतिस्पर्द्धा-मुख्यमंत्री
उन्होंने कहा कि इस योजना के लांच होने के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों के बीच प्रतिस्पर्द्धा होगी। हमें इसमें अग्रणी रहना है। चिकित्सकों को चाहिए की वे सेवाभाव से गरीबों का इलाज करें। इससे गरीबों की आशीष के साथ सुकुन की नींद भी मिलेगी। सिविल सर्जन हर सप्ताह अपनी टीम के साथ बैठकर योजना की प्रगति और कार्यान्वयन में आ रही परेशानी के बारे में चर्चा करें। अपने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को हम कैसे सबसे बेहतर बना सकते हैं, इस पर काम करना है। अपने सरकारी अस्पतालों को पेशेवर अस्पताल बनाना है। इसके लिए हमें अपनी कार्यपद्धति में बदलाव लाना होगा। मरीजों के इलाज के साथ साथ उनके प्रति अच्छा व्यवहार भी जरूरी है। लोगों को सरकारी अस्पतालों की तरफ आकर्षित करना है।
बैठक में उन्होंने निर्देश दिया कि रिम्स समेत राज्य के प्रमुख अस्पतालों में बीमा कंपनी द्वारा एक अलग व्यवस्था की जाये, जहां किसी भी परेशानी की स्थिति में एक नोडल अधिकारी निपटारे के लिए रहे। स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने बताया कि झारखंड में अब तक 414 निजी व सरकारी अस्पताल इस अभियान से जुड़ चुके हैं। आनेवाले समय में और अस्पताल जोड़े जायेंगे। इस दौरान एनएचएम के प्रबंध निदेशक कृपानंद झा, झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक दिव्यांशु झा, रिम्स निदेशक रमेश श्रीवास्तव, नेशनल इंश्योरेंस के क्षेत्रीय प्रंबधक जीपी पिंटे, सभी जिलों के सिविल सर्जन समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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