प्राथमिकी में बताया है कि बीते दो जुलाई को गुमला जिले के चैनपुर डुमरी निवासी फिलिपिंस कुजूर पहुंचा और बेरोजगारों को नौकरी दिलाने की बात कही. इसके बाद सात नाबालिगों को वहां से हिमाचल प्रदेश के एक टमाटर फार्म ले गया. उसके मालिक का नाम चेतराम ठाकुर है. चेतराम ने उन नाबालिगों को बंधक बना लिया है. उन्हें पैसे नहीं देता, मारपीट करता है और वापस लौटने भी नहीं दे रहा है. लौटने की बात पर उसे वहां भेजने वाले फिलिपिंस कुजूर को 20 हजार रुपये देने की बात कही जाती है. पीड़िता ने बताया कि इन नाबालिगों को बेचने में शामिल रहे लोग को 55 हजार रुपये दिए जाते हैं.
हॉस्टल में काम दिलाने के नाम पर बेचा था
रांची के हॉस्टल में काम दिलाने का झांसा देकर दलालों ने पीड़िता को दिल्ली में 55 हजार रुपये में बेच दिया था. वहां से किसी तरह भाग कर रांची पहुंची थी और एंटी ह्ययूमन ट्रैफिकिंग थाना में एफआइआर दर्ज कराई है. इसमें खटंगा निवासी बिरसा उरांव और सिसई निवासी विनोद लोहरा पर बेचने का आरोप लगाया है.
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