यह मान्यता है कि उन्होंने देवताओं के लिए महलों, हथियारों और भवनों का निर्माण किया था. विश्वकर्मा पूजा के मौके पर ज्यादातर दफ्तरों में छुट्टी होती है और कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इस दौरान औजारों, मशीनों, वाहनों और दुकानों की पूजा करने का विधान है. हर साल विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति को मनाई जाती है.
इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, इसलिए इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहा जाता है. इस दिन ज्यादातर कल-कारखाने बंद रहते हैं और लोग हर्षोल्लास के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं.
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