RANCHI-राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखण्ड के लोग कला एवं प्रकृति-प्रेमी है। यहाँ के सभी स्थनीय पर्व प्रकृति आधारित है औऱ यहाँ के लोग उन्हें हर्षोल्लास से मनाते हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के जनजाति नृत्य एवं कला में बहुत निपुण है और इसके लिए वे कोई प्रशिक्षण नहीं लेते हैं। राज्यपाल महोदया उक्त बातें राज भवन में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग, राँची विश्वविद्यालय के सहयोग से आयोजित "करम पर्व संध्या समारोह" के अवसर पर बोल रही थी। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डा. नितिन कुलकर्णी, राँची विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रतिकुलपति, डा. श्यामाप्रसाद मुख़र्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एस. एन. मुंडा के अतिरिक्त कई अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं राज भवन परिवार के सदस्यगण उपस्थित थे।
राज्यपाल महोदया ने कहा कि यह सुखद है कि हमारे बच्चे अपने संस्कृति के प्रति आस्था रखते हैं। वे इसे भूले नहीं है। उन्हें अपनी कला एवं संस्कृति को भूलना नहीं चाहिए, ये उनकी पहचान से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय विभाग के 9 भाषा विभाग के बच्चों द्वारा प्रदर्शित कला की सराहना करते हुए कहा कि उनमें असीम क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि वे जनजातीय विभाग के सशक्तिकरण हेतु प्रयासरत है। उनकी प्रबल इच्छा है कि इस विभाग के बच्चे बेहतर आधारभूत प्राप्त कर अच्छा करें। उन्होंने उनकी सामूहिकता की भावना की भी सराहना की।
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