पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी झारखंड की स्कूली किताबों में शामिल की जाएगी. झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बात की घोषणा की. यह घोषणा करते हुए उन्होंने कहा,' श्रद्धेय वाजपेयी झारखंड के निर्माता हैं. ऐसे में आनेवाली पीढ़ी को उनकी जीवनी से प्रेरणा हासिल होगी कि कैसे सामान्य परिवार के होने के बावजूद उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सकती है.' इस संबंध में शिक्षा मंत्री को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं.
वहीं विपक्ष वाजपेयी की जीवनी के साथ आरएसएस के क्रिया-कलापों को भी पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कह रहा है. रघुवर दास ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, 'झारखंड की सवा तीन करोड़ जनता और राज्य का यह कर्तव्य बनता है कि उनके लिए कुछ विशेष करें. वाजपेयी का निधन देश के लिए अपूरणीय क्षति है. वे सदैव हमारे प्रेरणाश्रोत और आदर्श बने रहेंगे.'
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस बात की भी घोषणा की है कि उनकी अस्थियां राज्य की पांच प्रमुख नदियों में विसर्जित की जाएगी. दूसरी ओर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार ने कहा है कि वाजपेयी एक महान नेता थे. वहीं उन्होंने तंज कसते हुए ये भी कहा कि आरएसएस ने कैसे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ धोखा किया, उसे भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए.
गौरतलब है कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का झारखंड से खास लगाव था. दरअसल अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान देश में तीन राज्यों का गठन किया गया था, जिनमें उत्तरप्रदेश से काटकर उत्तराखंड, मध्यप्रदेश काटकर छत्तीसगढ़ और बिहार से काटकर झारखंड का निर्माण किया गया.
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