Saturday, September 22, 2018

वाम-जनवादी छात्र-युवा संगठनों का संयुक्त प्रेस वार्त


रांची- एबीवीपी पूरे देश में गुंडागर्दी और राज्य व केंद्र सरकार के बल पर छात्र राजनीति और शैक्षणिक संस्थानों पर कब्जा करना चाहती है। यह छात्र और शैक्षणिक जगत के हितों के खिलाफ है। इससे छात्र का मूल दायित्व शिक्षण कार्य प्रभावित होता है. शिक्षण कार्य के विकास के लिए दहशत और खुले वातावरण का होना जरूरी है. उक्त बातें आज एआइएसएफ, एआइवाईएफ, एआइडीएसओ, एसएफआई, डीवाईएफआई आइसा और जेसीएम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित प्रेस वार्ता को अल्बर्ट एक्का चैक स्थित भाकपा कार्यालय में छात्र-युवा नेता संबोधित कर रहे थे. यह प्रेस वार्ता 19 सितंबर को रांची और जमशेदपुर में वाम छात्र-संगठनों के प्रतिरोध मार्च पर एबीवीपी के गुंडों द्वारा हुए हमले के खिलाफ आयोजित की गयी थी. यह प्रतिरोध मार्च जेएनयू में एबीवीपी की करारी हार के बाद निकाला गया था. सभी छात्र संगठनों ने एक स्वर में इस हमले की कड़ी निंदा की. 




छात्र संगठनों के देशभक्त होने का सर्टिफिकेट एबीवीपी से लेने आवश्यकता नहीं है
सभी छात्र संगठनों ने एकमत स्वर में कहा कि छात्र संगठनों के देशभक्त होने का सर्टिफिकेट एबीवीपी से लेने आवश्यकता नहीं है. छात्र संगठनों का इतिहास आजादी के आंदोलन से लेकर आजादी के बाद भी है, जो देश की एकता व अखंडता के लिए संघर्ष से जुड़ा है. नेताओं ने कहा कि वैसे संगठन जो अंगे्रजों से माफी मांगते रहे हैं और उनके तलवे चाट कर अपना इतिहास बनाया है, वह आज देशभक्ति का सर्टिफिकेट बांट रहे हैं, जो काफी चिंताजनक है. छात्र व युवा नेताओं ने कहा कि एबीवीपी की गुंडागर्दी का विरोध हम अपनी वैचारिकता और राजनैतिक चेतना के आधार पर करेंगे और शिक्षण संस्थाओं से लेकर राज्य के सभी जिलों में एक सशक्त अभियान संचालित करेंगे. इस अभियान के तहत एबीवीपी की आपराधिक कार्रवाइयों का पर्दाफाश किया जायेगा. साथ ही देश में बढ़ते कट्टरवाद और उन्माद से शिक्षा और रोजगार स्तर पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में छात्र-युवाओं को बतायेंगे. छात्र-युवा नेताओं ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई के जरिये शिक्षा के व्यवसायीकरण और रोजगार के अवसर में हो रही कटौती से छात्रों और नौजवानों का ध्यान भटकाया जाता है. 
त्वरित गिरफ्तारी की मांग 
नेताओं ने कहा कि एबीवीपी के साजिषकर्ता व गुंडों की त्वरित गिरफ्तारी नहीं हुई और पुलिस के वैसे पदाधिकारी जिनकी संलिप्तता इस घटना के साथ थी, उन्हें चिह्नित करते हुए निलंबन किया जाये. साथ ही सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करते हुए इस घटना की जवाबदेही रांची जिला एसपी लें. प्रेस वार्ता में एआइडीएसओ के राज्य उपाध्यक्ष अमर महतो व रीमा बंसरियार, एआइएसएफ के रांची जिला सचिव मेहुल मृगेंद्र व लोकेश आनंद, एआइवाईएफ के अजय कुमार सिंह, इप्टा के उमेश नजीर व फरजाना फारूकी, आइसा के नौरिन अख्तर, एसएफआई के अकरम, डीवाईएफआई के संजय पासवान, जेसीएम के अनिकेत ओहदार, जेसीएस के मीर शहबाज संबोधित कर रहे थे.

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