जमशेदपुर. पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग की क्षेत्रीय स्तर की आंगनबाड़ी सेविकाओं, महिला सुपरवाइजर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सीधा संवाद किया। शहर से 44 किमी दूर सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत उरमाल की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (सहिया) मनिता देवी को उनके योगदान के लिए पीएम की खासी सराहना मिली है।
शिशु की धड़कन चल रही थी
प्रधानमंत्री ने बताया, 27 जुलाई को चंद्रग्रहण लगा था। उसी रात 2 बजे उरमाल की मनीषा मुंडा ने बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद बच्चा न रोया, न उसमें कोई हरकत हुई। घरवालों ने काफी प्रयास किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने बच्चे को मृत मानकर दफनाने का निर्णय लिया। सूचना मिलने पर वह (सहिया) वहां पहुंची। बच्चे को दिखाने को कहा, लेकिन घरवालों ने मना कर दिया। जिद करके बच्चे को गोद में लिया। तब शिशु की धड़कन चल रही थी। फौरन उसकी नाक और मुंह में पाइप लगाकर पानी निकाला। बच्चा तुरंत रोने लगा। उन्होंने बच्चे की मां को उसे दूध पिलाने को कहा। फिर जच्चा-बच्चा को चाउलीबासा उप स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
अब बच्चा पूरी तरह स्वस्थ और तंदुरुस्त है
बच्चे का वजन पहले 2.2 किलो था। अब 2.8 किलो है। वह पूरी तरह स्वस्थ है। मनिता देवी ने बताया- सहिया के प्रशिक्षण में जो जानकारी मिली थी, उसी के अाधार पर बच्चे की जान बचाई। वह 2006 से सहिया का काम कर रही हैं। सीएम रघुवर दास ने सहिया को एक लाख रु. प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।
बच्चे का वजन पहले 2.2 किलो था। अब 2.8 किलो है। वह पूरी तरह स्वस्थ है। मनिता देवी ने बताया- सहिया के प्रशिक्षण में जो जानकारी मिली थी, उसी के अाधार पर बच्चे की जान बचाई। वह 2006 से सहिया का काम कर रही हैं। सीएम रघुवर दास ने सहिया को एक लाख रु. प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है।
पीएम बोले... जो काम एक ट्रेंड डॉक्टर ही कर सकता है वह मनिता ने कर दिखाया
प्रधानमंत्री ने कहा, आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी मनिता ने एक बच्चे को जीवनदान दिया है। जिस परिवार में मां ने, बाप ने, सब ने मान लिया था कि बच्चा मर चुका है लेकिन मनिता ने वो कर दिखाया जो एक ट्रेंड डॉक्टर ही कर सकता है। जो काम एक डॉक्टर हिम्मत के साथ कर सकता है वह बेटी मनीता ने कर दिया। जीवन देने और जीवन बचाने वाला इंसान भगवान से कम नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी मनिता ने एक बच्चे को जीवनदान दिया है। जिस परिवार में मां ने, बाप ने, सब ने मान लिया था कि बच्चा मर चुका है लेकिन मनिता ने वो कर दिखाया जो एक ट्रेंड डॉक्टर ही कर सकता है। जो काम एक डॉक्टर हिम्मत के साथ कर सकता है वह बेटी मनीता ने कर दिया। जीवन देने और जीवन बचाने वाला इंसान भगवान से कम नहीं है।
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