रांची- ऑनलाइन फॉर्मेसी को नियमित करने के खिलाफ एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल का झारखंड में भी खासा असर देखने को मिला। झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन से जुड़ी प्रदेश की सभी दवा दुकानें बंद है।
हालांकि राज्यभर के विभिन्न हिस्सों में एसोसिएशन से अलग रहने वाले दवा दुकान संचालकों ने अपनी दुकानें खुली रखी।
दुकाने बंद रही
एसोसिएशन के महासचिव अमर कुमार सिन्हा ने बताया कि राज्य की करीब 18 हजार दवा दुकानें बंद है। दवा दुकान बंद रहने से मरीज और उनके परिजन खासा परेशान दिखे। हालांकि इमरजेंसी दवाओं की आपूर्ति सुचारू रखने की व्यवस्था की गयी थी।
राजस्व का हुवा नुकशान
इस बंदी से सरकार को करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। एसोसिएशन की ओर से दवा की ऑनलाइन मार्केटिंग पर आपत्ति जतायी गयी है। जब तक फार्मासिस्टों का शोषण बंद नहीं होगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
अगर दवा दुकानदारों को परेशान किया गया या उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द करने की बात होगी तो वो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
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