Thursday, September 27, 2018

तन, मन और धन से स्वच्छता अपनाएं- एम वेंकैया नायडू, उपराष्ट्रपति

रांची - 4 वर्ष पूर्व प्रारम्भ हुए स्वच्छ भारत अभियान का यह स्वरूप देख आह्लादित हुआ। झारखण्ड राज्य जो 4 वर्ष पूर्व मात्र 16 प्रतिशत खुले में शौच से मुक्त था आज 96 प्रतिशत ODF हो चुका है।

यह उछाल राज्य की स्वच्छता के प्रति जागरूकता और स्वच्छता अपनाने की प्रतिबद्धता का परिचायक है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि राज्य की इस प्रतिबद्धता का सुखद परिणाम सामने आएगा और हम स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करेंगे। उपरोक्त बातें उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू ने कही। श्री नायडू गुरुवार को स्वच्छता ही सेवा 2018 के तहत नामकुम में आयोजित जनसंवाद सह जागरूकता समारोह में बोल रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता अभियान का जन आंदोलन बना कर इसके उदेश्य को पूरा किया जा सकता है।

अस्वच्छता राष्ट्र के सम्मान को प्रभावित करती है



श्री नायडू ने कहा कि सामुदायिक स्वच्छता सिर्फ सरकारी स्तर पर हो रहे प्रयास से प्राप्त नहीं किया जा सकता, इसके लिए सभी को संकल्प लेने की जरूरत है। देश का नागरिक होने के नाते सभी का स्वच्छता के लिए अपनी हिस्से की जिम्मेवारी निभाने की आवश्यकता है। तभी हम स्वच्छता को सही मायने में धरातल पर उतार सकेंगे। श्री नायडू ने कहा कि भारत को आयुष्मान बनाने के लिए स्वच्छता अपनाना बेहद जरूरी है, क्योंकि ज्यादत्तर बीमारियां गंदगी से होती है। प्रतिवर्ष 1 लाख से ज्यादा बच्चे गंदगी की वजह से बीमार होते हैं। यही नहीं अस्वच्छता राष्ट्र के सम्मान को भी प्रभावित करता है। इसलिए स्वच्छता के प्रति गंभीरता नितांत जरूरी है।

महिला सशक्तिकरण जरूरी, राज्य की महिलाओं का स्वच्छता के प्रति योगदान सराहनीय

उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य की महिला समूह, सहिया, जल सहिया, महिला मुखिया ने जिस तरह स्वच्छता अभियान को गति दी है उसे जानकर मन गदगद हो गया। झारखण्ड महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है यह सुखद है। महिलाओं का सशक्तिकरण जरूरी है क्योंकि इन्हें सबलता प्रदान करने से देश आगे बढ़ेगा। राज्य की रानी मिस्त्री ने गजब का कार्य शौचालय निर्माण में किया है। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आज स्वच्छता को लेकर बेहतर कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित कर प्रफुल्लित हुआ।

तन, मन और धन से स्वच्छता अपनाएं



उपराष्ट्रपति ने कहा कि तन, मन और धन से स्वच्छ होना चाहिए। क्योंकि तन से स्वच्छ होंगे तो बीमारी नहीं होगी, मन से स्वच्छ होंगे तो दूसरे के प्रति द्वेष नहीं होगा और धन से स्वच्छ होंगे तो रात में नींद अच्छी आएगी। ऐसा नहीं होने से हमेशा टेंशन और काम में अटेंशन नहीं । केंद्र सरकार ने कालाधन के प्रति प्रहार किया। परिवर्तन नजर आ रहा है। लोग कर का भुगतान कर रहें हैं, इससे राजस्व में वृद्धि हो रही है। यह राजस्व जनकल्याण के लिए ही है।

Share:

0 comments:

Post a Comment

KARATE TRAINING

KARATE TRAINING

Blog Archive