पहाड़ी मंदिर
समुद्र तल से 2140 मीटर की ऊंचाई पर रांची हिल की चोटी पर स्थित पहाड़ी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पहले इस हिल को फांसी टोंगरी नाम से जाना जाता था, क्योंकि स्वतंत्रता सैनानियों को यहां पर फांसी दी गई थी। उनके बलिदान को याद करने के लिए यहा स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियों पर 300 कदम का सफर करना होगा। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में भक्तों की मनोकामना पूरी होती है।
इसके अलावा मंदिर से रांची शहर का विंहगम नजारा भी देखने को मिलता है। इसके आसपास विभिन्न तरह के पेड़ लगे हुए हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रवण माह में यहां बहुत गहमा-गहमी रहती है और श्रद्धालू मंदिर के देवता पर जल धारा चढ़ाते हैं।
समुद्र तल से 2140 मीटर की ऊंचाई पर रांची हिल की चोटी पर स्थित पहाड़ी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। पहले इस हिल को फांसी टोंगरी नाम से जाना जाता था, क्योंकि स्वतंत्रता सैनानियों को यहां पर फांसी दी गई थी। उनके बलिदान को याद करने के लिए यहा स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराया जाता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियों पर 300 कदम का सफर करना होगा। ऐसी मान्यता है कि मंदिर में भक्तों की मनोकामना पूरी होती है।
इसके अलावा मंदिर से रांची शहर का विंहगम नजारा भी देखने को मिलता है। इसके आसपास विभिन्न तरह के पेड़ लगे हुए हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रवण माह में यहां बहुत गहमा-गहमी रहती है और श्रद्धालू मंदिर के देवता पर जल धारा चढ़ाते हैं।
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